अम्बाला, 7 फरवरी – हरियाणा के किसानों को अब गोभी के फसल में काफी नुकसान हो रहा है,जिसके चलते किसान काफी मायूस दिखाई दे रहे है.हालांकि एक महीने पहले जो गोबी 30 रुपए से 40 रुपए किलो के हिसाब से बिक रही थी अब वो ही गोभी 20 से 25 रुपए पन्नी बिक रही है.जिससे किसानों की लेबर भी पूरी नहीं हो रही है.किसान सरकार से मांग कर रहे है कि इसपर सरकार को सोचना चाहिए और किसानों के नुकसान के लिए भरपाई करनी चाहिए ! वहीं एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट डिप्टी डायरेक्टर ने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि वो अपनी फसलों को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पर रजिस्ट्रेशन कराए ताकि भावांतर भरपाई योजना के तहत उनके नुकसान की भरपाई हो सके !
हरियाणा में पिछले कुछ दिनों से एक दम से गोभी के रेट में भारी गिरावट आई है जिसके चलते किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है ! बता दे कि जो गोभी पिछले महीने 30 से 40 रुपए किलो बिक रही थी अब उसका रेट 20 रुपए से 25 रुपए पन्नी यानी एक रुपए तक हो गई है ! गोभी के रेट कम होने से किसानों को भारी नुकसान हो रहा है यहां तक कि किसानों की लेबर भी पूरी नहीं हो रही ! किसान सरकार से अपील कर रहे है कि इन फसलों को MSP पर खरीदा जाए या फिर भावांतर भरपाई योजना के तहत इसकी भरपाई की जाए ताकि किसानों को नुकसान न हो ! यहां तक कि किसान गोभी की फसल को खेत में ही बहाने पर मजबूर हो रहे है ! हालांकि पिछले साल के मुकाबले अबकी बार आलू और प्याज का रेट सही रहा जिससे किसान काफी खुश है हालांकि पिछले कुछ दिन से आलू के रेट में भी भारी गिरावट है है जिसने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है !
एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट डिप्टी डायरेक्टर जसविंदर सैनी ने कहा ये
वहीं एग्रीकल्चर डिपार्टमेंट डिप्टी डायरेक्टर जसविंदर सैनी ने किसानों की परेशानी को देखते हुए कहा कि हरियाणा में लगभग 27 फैसले ऐसी है जो भावांतर भरपाई के अंदर कवर होती है ! उन्होंने किसानों को सलाह देते हुए कहा कि मेरी फसल मेरा ब्यौरा के तहत वो अपनी फसलों का रजिस्ट्रेशन जरूर कराएं ! उन्होंने कहा कि किसानों को अबकी बार आलू का और प्याज का अच्छा रेट मिला है ! वहीं उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जैसा कि गोभी के बारे में आप बात कर रहे है कि किसानों को नुकसान हो रहा है तो वो भावांतर भरपाई योजना के तहत भरपाई हो सकती है !