फरीदाबाद | हरियाणा के फरीदाबाद जिले के NIT क्षेत्र स्थित नेहरू कॉलोनी में रहने वाले हजारों परिवारों के सिर से छत छिनने का खतरा मंडरा रहा है। पुनर्वास विभाग की ओर से यहां के करीब 8000 मकानों को सरेंडर करने का नोटिस जारी किया गया है। इस नोटिस के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है। स्थानीय लोग प्रशासन के फैसले का विरोध करते हुए सड़कों पर उतर चुके हैं।
50 साल से रह रहे लोग, अब मकानों पर अवैध कब्जे का आरोप
यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि वे पिछले कई दशकों से यहां बसे हैं। उनके पास बिजली बिल, आधार कार्ड, राशन कार्ड, वोटर आईडी जैसे सभी दस्तावेज हैं और वे हर चुनाव में वोट भी डालते आए हैं। इसके बावजूद अब प्रशासन उनके घरों को अवैध बता रहा है।
15 दिन में मकान खाली करने का अल्टीमेटम
26 जून को तहसीलदार विजय सिंह की ओर से यह नोटिस चस्पा किया गया, जिसमें कहा गया है कि 60 एकड़ सरकारी जमीन पर अवैध कब्जा कर यहां मकान बनाए गए हैं। लोगों को 15 दिन का समय दिया गया है, यानी 10 जुलाई तक मकान खाली नहीं किए गए तो विभाग खुद कब्जा हटाएगा।
एलिवेटेड फ्लाईओवर प्रोजेक्ट बना वजह
इस नोटिस के पीछे प्रशासन की दलील है कि मेट्रो चौक से सैनिक कॉलोनी तक एलिवेटेड फ्लाईओवर बनाए जाने की योजना है। इसके लिए ज़मीन खाली कराई जा रही है ताकि शहर के ट्रैफिक को नियंत्रित किया जा सके।
लोग बोले – अगर हटाना है तो पुनर्वास की व्यवस्था की जाए
स्थानीय निवासियों का कहना है कि अगर सरकार को मकान तुड़वाने ही हैं, तो पहले पुनर्वास की व्यवस्था की जाए। “हम वर्षों से यहां रह रहे हैं, हमारे बच्चे यहीं पले-बढ़े हैं। अचानक बेघर करना न्याय नहीं है,” एक निवासी ने कहा।
विधायक और सरकार को भी है जानकारी
बडखल से बीजेपी विधायक धनेश अदलखा ने लोगों को आश्वासन देते हुए कहा, “यह मामला मुख्यमंत्री के संज्ञान में है। जब तक मैं विधायक हूं, किसी का घर नहीं टूटेगा। हमारी सरकार सबको बसाने में विश्वास रखती है, उजाड़ने में नहीं।”
फिलहाल तोड़फोड़ पर रोक, उच्च अधिकारियों की निगरानी में मामला
तहसीलदार विजय सिंह के अनुसार, “अभी कोई तोड़फोड़ की कार्रवाई नहीं की जा रही है। मामला उच्च अधिकारियों और सरकार के पास है। लोगों को पहले भी कई बार मौखिक चेतावनी दी गई थी, लेकिन कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया गया।”