भिवानी (अंकुर कपूर): दिव्यांगजनों को समाज की मुख्य धारा के व्यक्तियों के समान रूप से खड़ा करने व उनके उत्थान के लिए दिल्ली के इंडिया गेट पर एक से 7 दिसंबर तक राष्ट्रीय दिव्यांग मेले का आयोजन किया जाएगा। इसमें अकेले हरियाणा राज्य से 100 स्टॉल लगाकर दिव्यांगों को उनके द्वारा तैयार किए गए विभिन्न उत्पादों को प्रदर्शित करने का मौका मिलेगा। इनमें प्रथम आने वाले 10 दिव्यांगों को एक-एक लाख रुपए, द्वितीय आने वाले 10 दिव्यांगों को 51-51 हजार रुपए तथा तृतीय आने वाले 10 दिव्यांगों को 31-31 हजार रुपए की नगद राशि भी भेंट की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा प्रदेश में दिव्यंगजनों के परिवारों को बेहतर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से एक लाख 80 हजार की बजाए 3 लाख 50 हजार होने पर भी आयुष्मान कार्ड बनाने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। यह बात हरियाणा के दिव्यांग कमीशनर राजकुमार मक्कड़ ने भिवानी में दिव्यांगजनों के लगाए खुले दरबार के दौरान पत्रकारों से बातचीत करते हुए दी। इस मौके पर उन्होंने प्रदेश भर से आए दिव्यांगों की युडीआईडी कार्ड, दिव्यांग पेंशन, दिव्यांग सर्टिफिकेट, दिव्यांग रोजगार, दिव्यांग पुर्नवास सहित विभिन्न शिकायतों को सुन उनका मौके पर ही निपटान किया।
इस मौके पर दिव्यांग कमीशनर ने बताया कि विश्व दिव्यांग दिवस पर 3 दिसंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में हरियाणा राज्य को सर्वश्रेष्ठ दिव्यांग आयुक्त पुरस्कार के लिए चुना गया है तथा राष्ट्रपति द्वारा यह पुरस्कार उन्हे दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य के पांच युवाओं को अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर आकाशवाणी व दूरदर्शन के माध्यम से 10 दिसंबर को मिलेगा। इसके लिए 582 दिव्यांगों में से पांच दिव्यांग दूरदर्शन व आकाशवाणी पर अपनी प्रस्तुतियां देंगे। जिनमें एक दिव्यांग भिवानी, दो दिव्यांग रोहतक, एक दिव्यांग रेवाड़ी तथा एक दिव्यांग सोनीपत से चयनित किए गए हैं।
दिव्यांगों के लिए महत्वपूर्ण घोषणा करते हुए दिव्यांग कमीशनर ने बताया कि दिव्यांगों को विभिन्न प्रकार के लाभ देने के लिए बनाई गई यूडीआईडी कार्ड बनाने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर से बढ़ाकर 31 मार्च कर दी गई है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में एक लाख 96 हजार दिव्यांगों का 2500 रूपये मासिक पेंशन दी जा रही है। दिव्यांगों को रोजगार देने के लिए हालही मे अध्यापकों के पीजीटी पदों में से 140 पद दिव्यांगों के लिए आरक्षित किए गए है। उन्होंने कहा कि हरियाणा प्रदेश में 22 हजार के लगभग स्पेशल बच्चें है।
जिनकी पहचान का कार्य 22 नवंबर से 29 नवंबर तक प्रदेश भर में विशेष अभियान चलाकर किया जा रहा है, ताकि इनकी दिव्यांगता प्रतिशत विभिन्न नौकरियों में बैकलॉग की व्यवस्था की जा सके। हरियाणा प्रदेश के 90 विभागों में से 72 विभागों में दिव्यांगों की बैकलॉग की पहचान कर ली गई है। हरियाणा के 14 विश्वविद्यालयों में से 8 विश्वविद्यालयों में दिव्यांग बैकलॉग की पहचान कर ली गई है। वही विभिन्न विभागों, निगम व सरकारी सहायता प्राप्त संस्थानों में दिव्यांगों के तीन प्रतिशत बैकलॉग भरने की प्रक्रिया की जा रही है, ताकि दिव्यांगों को रोजगार मिल सकें तथा वे आत्मनिर्भर हो सकें।
इस मौके पर खुला दरबार में अपनी शिकायतें लेकर पहुंचे दिव्यांगजनों ने बताया कि खुला दरबार में उनकी समस्याएं सुनी गई है। इन समस्याओं के समाधान के लिए दिव्यांग कमीशनर ने मौके पर अधिकारियों को निर्देश दिए है तथा दिव्यांगों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया है।