सिरसा,14 दिसंबर –कंपकंपाती ठंड में अक्सर लोग खुले आसमान के नीचे सोने को मजबूर हो जाते है. हालांकि हरियाणा सरकार और जिला प्रशासन ने राहगीरों को ठंड से बचाने के लिए उनके ठहरने के लिए रेन बसेरा की व्यवस्था की गई है लेकिन जानकारी के आभाव में कुछ एक ही रेन बसेरा में आते है.
हाड कंपाने वाली इस ठंड में सिरसा में आने वाले लोग किस तरह अपनी रात बिताते है इस बारे में हमारी टीम देर रात सिरसा के रेन बसेरा में पहुंची. यहां सभी व्यवस्था दुरुस्त दिखाई दी लेकिन इतने बड़े रेन बसेरा में जहाँ 20 से 30 लोगों के सोने की व्यवस्था की गई है लेकिन दो ही व्यक्ति ठण्ड के मौसम में सोता हुआ दिखाई दिया। ऐसा क्यों है इतने बड़े रेन बसेरा में केवल कुछ ही लोग रात बिताते है। बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन से दूर होने की वजह से लोग रेन बसेरा में कम आते है या फिर लोगों को रेन बसेरा के बारे में जानकारी का अभाव है। जिला प्रशासन ने बस स्टैंड और टाउन पार्क के पास भी रोडवेज की बस में रेन बसेरा बनाया गया है।
पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग कमरों में लगे बेड
सिरसा प्रशासन ने पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग अलग दो कमरों की व्यवस्था की हुई है। पुरुषों के कमरे में कई बेड लगाए गए है और रजाई की भी व्यवस्था की गई है। इसके अलावा महिलाओं के कमरे में भी कई बेड लगाए गए है और महिलाओं के लिए भी रजाई की व्यवस्था की गई है। महिलाओं के लिए रूम में ही अटैच शौचालय की व्यवस्था की गई है, ताकि महिलाओं की किसी भी प्रकार की दिक्कत का सामना नहीं करना पड़े। इसके अलावा सभी राहगीरों के लिए पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था की गई है बकायदा आरओ सिस्टम लगाया गया है ताकि राहगीरों को स्वच्छ पानी मिल सके। इसके साथ ही राहगीरों के नहाने के लिए गीजर की भी व्यवस्था की गई है। राहगीरों के लिए चाय की भी व्यवस्था की हुई है।
रेन बसेरा के इंचार्ज क्षितिज , हिम्मत सिंह , रवि शर्मा और पूर्व नगर पार्षद कौशल्या देवी पिछले कई दिनों से रोजाना रेन बसेरा में व्यवस्थाओं को दुरुस्त करने में जुटे हुए है। वही सिरसा में बने रेन बसेरा में सो रहे मुसाफिरों का कहना है कि ठंड से बचाने के लिए तो जिला प्रशासन ने अच्छी व्यवस्था की हुई है। मुसाफिरों के लिए ठंड के मौसम को देखते हुए रजाई की व्यवस्था की हुई है। पीने के लिए स्वच्छ पानी और ठंड में नहाने के ,लिए गीजर की व्यवस्था की हुई है। इसके साथ ही चाय की भी व्यवस्था की हुई है।